आजीवन का साथ निभाने को हो सकता हो थोड़ा पीछे हो हमको जाना। आजीवन का साथ निभाने को हो सकता हो थोड़ा पीछे हो हमको जाना।
आओ अपनी जिम्मेदारियां निभायें जटिल को सरल बनायें, और सरल को जटिल होने से बचायें। आओ आओ अपनी जिम्मेदारियां निभायें जटिल को सरल बनायें, और सरल को जटिल होने से ब...
कोरोना से खुद को और अपने देश को असहनीय पीड़ा से बचाएं कोरोना से खुद को और अपने देश को असहनीय पीड़ा से बचाएं
तू मेरी जीवनसंगिनी है मैं ख़ुद से ज्यादा तुमसे प्रेम करता हूँ। तू मेरी जीवनसंगिनी है मैं ख़ुद से ज्यादा तुमसे प्रेम करता हूँ।
भारत भू के कण कण से, मुझको बहुत ही प्रीत है। यहाँ प्रकृति के दृश्यों में, बजता रहता भारत भू के कण कण से, मुझको बहुत ही प्रीत है। यहाँ प्रकृति के दृश्यों में, ...
इससे शायद कुछ फर्क पड़े, और समाज हो बेहतर। इससे शायद कुछ फर्क पड़े, और समाज हो बेहतर।